“शिवप्रिय द्रव्यावली”:डॉ. रीना रवि मालपानी

“शिवप्रिय द्रव्यावली”

“शिवप्रिय द्रव्यावली”:डॉ. रीना रवि मालपानी

“शिवप्रिय द्रव्यावली”

भोलेनाथ को तो जलधारा है प्रिय।

उमापति की आराधना से कुंडली में होता गुरु भी सक्रिय॥

कच्चे दुग्ध से करें आशुतोष का स्नान।

मानसिक अशांति का सोमनाथ करते त्वरित निदान॥

शशांक तो दे सकते मनचाही समृद्धि।

घृत से करें अभिषेक तो होगी वंशवृद्धि॥

चन्दन और गुलाब का इत्र करें कैलाशपति, त्रिपुरारी को अर्पित। 

अपनी पीड़ाओं को करें शेखर को समर्पित॥

बिल्वपत्र से मिलेगी पापो से मुक्ति।

रुद्र तो स्वयं करते सदैव श्रीराम की भक्ति॥

शहद से करें गौरापति, सोमनाथ का अभिषेक।

संबंधो की मधुरता के मिलेंगे लाभ अनेक॥

शिव को शीतलता देने के लिए अर्पित करें दही।

मुक्तेश्वर से मिलेंगी उन्नति की दिशा सही-सही॥

गंगाजल अर्पित करने से होगा चहु ओर सम्मान।

त्रिकालदर्शी रुद्र की महिमा का करते सभी गुणगान॥

गन्ने के रस से करें आदिनाथ का स्नान।

आर्थिक पीड़ा की समस्या का होता समाधान॥

शमीपत्र अर्पित करने से होता शत्रुओं का शमन।

नीलकंठ को तो सभी देव-दानव करते नमन॥

दूर्वा से उमापति देते आयु में वृद्धि।

जटाधारी विश्वनाथ की आराधना से होती गृहस्थ जीवन में समृद्धि।।

भांग, आक और पुष्प भी करते शिवशंभू स्वीकार।

रामेश्वर का स्वरूप कराता जीवन के सत्य से साक्षात्कार॥

शिव-महेश्वर प्रिय द्रव्य देते कुंडली में चंद्रमा को बल।

महादेव की स्तुति से एकाग्रता होती प्रबल॥

सहज-सरल स्वरूप है मृत्युंजय की आराधना।

डॉ. रीना कहती, शिवमानस पूजा से भी की जा सकती है साधना॥

डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)