प्रधानमंत्री ने 'जिंदगी' बचाने वालों से की उनके 'मन की बात'
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी में लोगों की जिंदगी बचाने वाले लोगों से उनके मन की बात की। पीएम ने कहा चुनौती कितनी भी बढ़ी थी लेकिन भारत का विजय संकल्प उतना ही बड़ा रहा है। सेवाभक्ति और अनुशासन ने देश को हर तूफान से बाहर निकाला है। जल-थल और नभ तीनों सेनाओं के जवान कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जी जान से जुटे हुए हैं। पीएम ने कहा कि ऑक्सीजन संकट की मांग देश में एकदम से बढ़ गई। काफी प्लांट पूर्वी हिस्सों में हैं जहां इसे पहुंचाने में काफी परेशानी आती है लेकिन हमारे टैंकर और ट्रेन ड्राइवर्स ने आगे आकर देश के लिए अपने कर्तव्य को निभाया है।
* ऑक्सीजन टैंकर ड्राइवर दिनेश उपाध्याय के 'मन की बात'
प्रधानमंत्री- पहले की तुलना में अब जब ऑक्सीजन देने जाते है तो आपके दिमाग में क्या रहता है?
दिनेश- हमें सिर्फ अपने कर्वत्य का ध्यान रहता है, अगर टाइमली ऑक्सीजन पहुंचने से किसी की जान बचती है तो हमारे लिए वो ही जरूरी है।
प्रधानमंत्री- लोगों के नजरिए में बदलाव आया है?
दिनेश- पहले जाम में फंसे रहते थे अब बहुत मदद मिलती है, प्रशासन भी मदद करता है। अस्पताल पहुंचते हैं तो अस्पताल वाले विक्ट्री साइन दिखाते हैं।
* एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन एके पटनायक के 'मन की बात'
प्रधानमंत्री- कोरोना के वक्त आप बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। पटनायक- संकट के वक्त देश की मदद कर सकते हैं ये सौभाग्य का काम है, जो भी मिशन मिला है उसे बखूबी से निभा रहे हैं। एक महीने में देश-विदेश से हम ऑक्सीजन उठा रहे हैं। 107 इंटरनेशनल मिशन किए हैं। 3 हजार से ज्यादा घंटे तक उड़ान भरी है। सिंगापुर, दुबई, जर्मनी और यूके से ऑक्सीजन लेकर आए हैं। ग्रुप कैप्टन की बेटी अदिति ने पीएम से बात की..
अदिति- पिता के काम पर मुझे गर्व महसूस होता है। मेरे पिता देशों से ऑक्सीजन टैंकर लाते हैं और कोरोना पीड़ितों की मदद करते हैं। वो घर
भी नहीं आते हैं मैं उन्हें मिस करती हूं।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात की। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार ने 7 साल पूरे किए हैं। भारत दूसरे देशों की सोच
और उनके दबाव में नहीं है। वह अपने संकल्प से चलता है और साजिशों का मुंहतोड़ जवाब देता है।