कई कम्पनियां बनाकर अरबों की ठगी करने वाला 25 हजार का इनामी बदमाश गिरफ्तार

कई कम्पनियां बनाकर अरबों की ठगी करने वाला 25 हजार का इनामी बदमाश गिरफ्तार

कई कम्पनियां बनाकर अरबों की ठगी करने वाला 25 हजार का इनामी बदमाश गिरफ्तार

 17 जुलाई। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने शनिवार को हैलोराइड लिमिटेड सहित कई कम्पनियां बनाकर जनता से अरबों रुपये की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिसौदिया ने बताया कि पकड़ा गया अभियुक्त गाजीपुर निवासी राजेश पाण्डेय है। उसे इन्दिरानगर के साईं मन्दिर के पास से गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है।



पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त राजेश पाण्डेय ने बताया कि अभय कुशवाहा नामक व्यक्ति ने वर्ष 2013 में इनफिनिटी वर्ड इफ्रावेंचर लिमिटेड कम्पनी बनायी थी, जो रियल स्टेट में काम करती थी। इस कम्पनी में सस्ते प्लॉट देने के नाम पर किस्त के रूप में रुपया जमा किया जाता था। इस कम्पनी के डॉयरेक्टर अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान थे, जिसमें वह बतौर सेल्स मैनेजर था। इसके बाद उसने उन लोगों के साथ मिलकर वर्ष 2017 में ओजोन इनफिनिटी वर्ड एग्रो प्रोड्यूसर लिमिटेड नाम की कम्पनी बनायी। इस कम्पनी के अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा, आजम सिद्दीकी, निखिल कुशवाहा और शकील अहमद खान डॉयरेक्टर थे। यह कम्पनी कम समय में धन दोगुना करने का लालच देकर लोगों से रुपया जमा कराती थी।



इसके बाद वर्ष 2018 में हैलोराइड नाम की कम्पनी बनायी, जिसमें निखिल कुशवाहा, अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा, आजम सिद्दीकी डॉयरेक्टर थे। इसका ऑफिस साइबरहाइट्स विभूति खण्ड में आठवें तल पर था। यह कम्पनी बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर ग्राहकों से 61 हजार रुपये जमा कराने के बदले प्रति माह 9582 रुपये 12 माह तक देने का प्रलोभन देकर रुपये ग्राहकों से जमा कराती थी। कम्पनी में रुपये जमा कराने के लिए सात टीमें बनायी गयी थी। इन टीमों में लगभग 150 लोग काम करते थे, जिसमे प्रेसिडेंट अपनी टीमों के माध्यम से रुपया जमा करते थे, जिसका उनको लगभग 15 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। इस कम्पनी में मैं ग्राहकों से एग्रीमेंट करने का काम करता था। कम्पनी द्वारा मुझे कार दी गयी थी। इस कंपनियों में जब लगभग 100 करोड़ रुपये जमा हो गया, तो कम्पनी ने ग्राहकों को पेमेंट देना बंद कर दिया। इसके बाद किसी ग्राहक ने थाना विभूति खण्ड में मुकदमा पंजीकृत करा दिया, जिससे अभय कुशवाहा को मार्च 2019 में विभूति खण्ड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जेल में लगभग तीन महीने रहने के बाद अभय कुशवाहा की जमानत हो गयी, इसके बाद एसटीएफ ने वर्ष 2019 में ही निखिल कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद से अब तक कंपनी व हम लोगों पर सैकड़ों मुकदमे पंजीकृत हो गये, तब से हम लोग फरार थे।



आगे बताया कि कम्पनी के ऑफिस लखनऊ, फतेहपुर, नोएडा, मुजफ्फरपुर (बिहार), मोहाली, पठानकोट, जीरकपुर (पंजाब), आदि जगह थे। गिरोह का जाल दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में फैला हुआ है। अभय कुशवाहा व कंपनी के अन्य डायरेक्टर इस समय पुलिस से बचने के लिए देश के अलग अलग राज्यों में छिप कर रह रहे हैं।